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10 Best Tourist Places in Bihar : बिहार आये और यहा नहीं घूमा तो क्या घूमा

10 Best Tourist Places in Bihar

10 Best Tourist Places in Bihar : बिहार – एक समय था जब बिहार हर चीज़ से परिपूर्ण तथा सम्रिध्य राज्य था परंतु आज बिहार की दशा कुछ ठीक नहीं इनके अनेको कारण है, इसके अलवा भी बिहार में बहोत से खूबसूरत जहग है जो बाहर से आने वाले लोगों को अपने तरफ़ आकर्षित करता है और इस लेख में हम इसी तरह के 12 प्रशिध जगहों के बारे में बताने बाले है जो की अगर आप बिहार आते है या अगर आप बिहारी है और अभी तक इन खूबसूरत जगहों को नहीं देखा तो आपको एक बार ज़रूर यहा आना चाहिए ।

 

Muchalinda Lake

 Muchalinda Lake : यह झील ( Lake ) बिहार राज्य के गाया ( बोध गया ) ज़िले में स्थित है , मचलिंदा का नाम भगवान गौतम बुद्ध के जीवन के एक महत्वपूर्ण छन से ज़रा हुआ है ,यह झील आध्यात्मिक और पर्यटन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, यहा की तालाब, घने जंगल, फूल की ख़ुशबू आपके मन को शांति प्रदान करती है

मुचलिंदा झील के पास ही एक बौध बिहार नामक जगह है जहा मेला भी लगता है अगर आप वह जाए तो इस मेले का आनंद ज़रूर ले इस मेले में आप धार्मिक उतश्व का आनंद ले सकते है

 

Patana Golghar  ( पटना गोलघर ) 

गोलघर बिहार की राजधानी पटना में स्थित है जो के गंगा नदी से सटे हुआ है, गोलघर की बात करे तो यह ब्रिटिश शासन कल में 1786ई में बनाया गया था, अंगेजो ने इसे अनाज रखने के लिए इस्तेमाल करता था जो बिहार के लोगों से कर के रूप में वसूला जाता था, गोलघर की उछाई लगभग 29 मीटर है जिसके ऊपर से पटना का एक अद्भुत दृश्य तथा गंगा नदी की सुंदरता दिखाई देती है , गोलघर के अलवा पटना में, गांधी मैदान, म्यूज़ियम, पटना का चिड़ियाघर, तारामंडल, आदि कई सारे पर्यटक स्थल उपलब्ध है।

Griddhakuta Peak 

गृद्धकूट पीक बिहार के राजगीर ज़िले में है जो की बौध धर्म के अनुयायो के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है, भगवान गौतम बुद्ध ने अपने जीवन कल के काफ़ी महत्वपूर्ण समय यहा बिताया था तथा अपने शिष्य को सिक्षा देने के साथ यही पर लम्बे समय के लिए विश्राम किया था गृद्धकूट पीक के ऊपर आपको एक आइना देखने मिलता है जो की गिद्ध के आकार का है इस वजह से इसे गिद्ध स्पॉट ( vulture spot ) भी कहा जाता है, गृद्धकूट पर्वत की ऊँचाई लगभग 450 मीटर है जिसके ऊपर से देखने पर एक बहुत ही ख़ूबसूरत दृश्य देखने मिलता है ।

 

Madhubani paintings ( मधुबनी चित्रकला )

मधुबनी चित्रकला बिहार की एक प्रसिद्ध लोक कला है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है यह चित्रकला अपनी अनोखी चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है, मधुबनी चित्रकला “मिथला चित्रकला” के नाम से भी जाना जाता है, मधुबनी चित्रकला में सांस्कृतिक एवं धार्मिक मुद्दों को दर्शाता है। जिस से पर्यटक कभी आकर्षित होता है ।

 

 Vishnupad Temple 

Vishnupad Temple बिहार के गाया ज़िले में स्थित है जो की हिंदू धर्म के पवित्र स्थलों में से एक है, यहा पर भगवान विष्णु की पद ( पैर ) का चिन्ह है जिसे लोग बड़े श्रधा से पूजते है इस मंदिर का इतिहास पुरानो में मिलता है और कहा जाता है की भगवान विष्णु ने अपने पैरो का चिन्ह यहा छोरा है ।

 

Vikramshila 

विक्रमशिला बिहार के नालंदा ज़िला में स्थित है जी भारत के सिक्षा तथा धार्मिक केंद्र था और विक्रमशिला की आस्थापना 8वी सदी में भगवान बुद्ध के शिष्य के द्वारा किया गया था, विक्रमशिला भारत के मुख्य सिक्षा केंद में से एक था जहा मुख्यरूप से बौद्ध धर्म के लोग सिक्षा लेते थे यहा दुनिया भर से लोग सिक्षा लेने के लिए आते थे ।

 

Vishwa Shanti Stupa

विश्व शांति स्तूप बिहार के राजगीर में स्थित है जो विश्व शांति के प्रतीक है तथा इसको बौद्ध धर्म के प्रचार का एक प्रमुख केंद्र भी माना जाता है , इस स्तूप को भगवान बुद्ध के दूत ने 1969ई. में बनाया था और इसकी ऊँचाई लगभग 29 मीटर है , देखने में अत्यंत सुंदर है और इस स्तूप को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते है ।

 

Buxar Fort 

बक्सर फ़ोर्ट बिहार के बक्सर ज़िले में गंगा नदी के किनारे स्थित है जिसका निर्माण 1054ई. में मुग़ल सम्राट वक्तियार ख़िलजी द्वारा करवाया गया था, यह क़िला भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । बक्सर क़िला बक्सर के युद्ध के लिए जाना जाता है जहा पे 1764 में ब्रिटिश सेना और मीर क़ासिम के सेना के साथ युद्ध हुआ था, अगर आप बक्सर जाते है तो आपको इस क़िले को ज़रूर घूमना के लिए जानना चाहिए ।

 

Ruins Of Nalanda University ( नालंदा विश्वविधाल्य ) 

नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार के नालंदा लिजे में स्थित है , भारत ही नहीं विश्व के एक प्रमुख सिक्षा के केंद्र था जहा दुनियभर से लोग सिक्षा ग्रहण के लिए आते थे इस विधालय में बुद्धिक तथा वज्ञानिक सिक्षा मिलता था, इस विधालय का स्थापना 5वी सदी में आचार्य शिलभद्र द्वारा किया गया था । नालंदा विश्वविधालय का नाश 12वी सदी में मुहम्मद बख़्तियार ख़िलजी द्वारा किया गया था, जिसके बाद दुनिया का ज्ञान का केंद्र नालंदा विश्वविधालय नष्ट हो गया और आज उसकी सिर्फ़ अवशेस ही बचा है जिसे लोग आज भी देखने के लिए यहा पर आते है , और यह आप प्रयटन का मुख्य केंद्र है बिहार में ।

 

Bodhgaya 

बोधगाया बिहार के गाया ज़िले में स्थित है यह स्थल बोद्ध धर्म के अन्यायों के लिए प्रमुख स्थल है माना जाता है भगवान बुद्ध को यही ज्ञान की प्राप्ति हुई एक वृक्ष के नीचे जो बोधी वृक्ष के नाम से जाना जाता कहा जाता है की भगवान बुद्ध उसी वृक्ष के नीचे बैठ करते थे , बोधी वृक्ष के अलवा यहा बोधी टेम्पल भी है जो की पर्यटक के लिए एक आकर्षन का केंद्र है, बुद्ध ने यही से बौध धर्म की सुरुआत किया था अगर आप गाया जाते है तो यहा जाना बिलकुल भी मिस मत कीजिएगा ।

 

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